नवरात्रि से पहले सक्रिय हुए हिंदूवादी संगठन... दुर्गा प्रतिमा कारखाने में छापा, पारंपरिक महिषासुरमर्दिनी रूप की मांग, AI डिजाइन पर रोक

 
भोपाल -राजधानी  में नवरात्र शुरू होने से पहले ही हिंदूवादी संगठनों ने सक्रियता बढ़ा दी है. रविवार को दुर्गा प्रतिमा बनाने वाले एक कारखाने पर छापा मारकर जांच की गई. आरोप है कि यहां बनाई जा रही कुछ प्रतिमाएं दुर्गा माता के पारंपरिक स्वरूप से अलग थीं और आस्था के साथ खिलवाड़ किया जा रहा था.

हिंदूवादी संगठनों का आरोप है कि कुछ मूर्तिकार पारंपरिक प्रतिमा की बजाय आधुनिक तकनीक का उपयोग कर AI जनरेटेड इमेज देखकर दुर्गा प्रतिमाएं बना रहे थे. छापे के दौरान पाया गया कि एक प्रतिमा में देवी का स्वरूप ऐसा बनाया जा रहा था जो न तो महिषासुर मर्दिनी जैसा था और न ही शेर पर विराजमान माता का. इसे लेकर समिति ने प्रतिमा निर्माण का काम रोक दिया और मूर्तिकार को सख्त चेतावनी दी कि पारंपरिक स्वरूप से अलग कोई भी प्रतिमा न बनाई जाए.

हिंदू उत्सव समिति के अध्यक्ष चंद्रशेखर तिवारी ने कहा, ''मां दुर्गा की प्रतिमा को कार्टून की तरह बनाना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. मां की प्रतिमा महिषासुर मर्दिनी, शेर पर विराजमान स्वरूप या काली माता के रूप में ही बननी चाहिए.'' 

छापे के दौरान हिंदूवादी संगठन के लोग मूर्तिकार से उसका धर्म भी पूछते दिखाई दिए. उन्होंने साफ कहा कि दुर्गा प्रतिमा का निर्माण मुसलमानों द्वारा नहीं कराया जाएगा. साथ ही दुर्गा समितियों से अपील की गई कि वे केवल पारंपरिक स्वरूप वाली प्रतिमा ही स्थापित करें ताकि धार्मिक भावना की रक्षा की जा सके.

वहीं, मूर्तिकार कृष्णा पॉल ने कहा कि वे पिछले दो वर्षों से बंगाल से भोपाल आकर प्रतिमाएं बना रहे हैं. उन्होंने बताया, ''समिति के लोगों ने जो फोटो दिए थे, उसी के आधार पर प्रतिमा तैयार कर रहे थे, लेकिन अब काम रोक दिया गया है. हमें निर्देश दिया गया है कि पारंपरिक स्वरूप से अलग कोई प्रतिमा न बनाई जाए.'' 

यह मामला नवरात्र पर्व से पहले धार्मिक भावना, आस्था और परंपरा से जुड़ा हुआ बड़ा विवाद बन गया है. पुलिस और प्रशासन अब इस मामले की पड़ताल कर रहे हैं. वहीं, समाज में इसे लेकर बहस तेज हो गई है कि धार्मिक प्रतीकों के स्वरूप को किस सीमा तक आधुनिकता के नाम पर बदला जा सकता है.


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